मित्रो मै ज्योतिष जैसे अगाध एवं अथाह
शास्त्र का जिज्ञासु और प्रारंभिक छात्र
मात्र हु . ज्योतिष जैसे गूढ़ और अनंत विषय पर
साधिकार कुछ कहने में सर्वथा अयोग्य हु. फिर
भी मेरे मित्रो की प्रेरणा से एवं बार - बार
आग्रह करने पर मैंने इस विषय पर कुछ लिखने का
प्रयास किया है . अतः इसमें जो त्रुटी हो उसे
मेरी अज्ञानता जान कर क्षमा करे.
मित्रो सर्व सामान्य या आम बोल चाल की
भाषा में कहू तो ज्योतिष शास्त्र ग्रहों ,
नक्षत्रो, राशियों आदि का मानव पर पड़ने
वाले प्रभाव का अध्ययन शास्त्र है. मेरे
मतानुसार ज्योतिष शास्त्र भुत, भविष, और
वर्त्तमान तीनो कालो में घटने वाली
क्रियाकलापों को देखने वाला दिव्या नेत्र
है. या यु कहे की ज्योतिष समय (काल) व मानव
के आर पार देखने की कला है , इसके द्वारा
किसी की भी मनुष्य के न केवल भुत, भविष्य ,
वर्त्तमान के बारे में भी जाना जा सकता है.
ज्योतिष अपने आप में संपूर्ण विज्ञानं (Science )
है , जिस तरह physcis , chemistry , biology
विज्ञानं है, ज्योतिष शास्त्र को मै अमृत
मानता हु इसमें सूर्य , चन्द्र तथा अन्य ग्रह
साक्षी है और यह शास्त्र भगवान वेद की
दिव्य नयन है. यह शास्त्र संदेह को दूर भागने
वाला , सब कुछ प्रत्यक्ष दिखाने वाला नेत्र
स्वरुप है , जिसे इसका ज्ञान नहीं है वह वास्तव
में अँधा है .
thanks all balaji blessing
Wah Jay ho
ReplyDeleteVishal bhai aa aps banavi tame ghana badha loko ne gyan apyu ne brahman samaj mate gaurav ni vat che dhanyavad mitravar
ReplyDeleteJai Dwarkadhish