Monday, 17 August 2015

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग दक्षिण भारत के समुद्र तट पर स्थित है। कहते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने स्वयं अपने हाथों से श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

रामेश्वरम की कथा
(Story of ShriRameshwaram Jyotirling in Hindi)शिव पुराण के अनुसार जब श्रीराम ने रावण के वध हेतु लंका पर चढ़ाई की थी तो विजयश्री की प्राप्ति हेतुउन्होंने समुद्र के किनारेशिवलिंग बनाकर उनकी पूजा की थी। तब भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर श्रीराम को विजयश्री का आशीर्वाद दियाथा। श्री राम द्वारा प्रार्थना किए जाने पर लोककल्याण की भावना से ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा के लिए वहां निवास करना भगवान शंकर ने स्वीकार कर लिया। एक अन्य मान्यता के अनुसार रामेश्वरम में विधिपूर्वक भगवान शिव की आराधना करने से मनुष्य ब्रह्महत्या जैसे पाप से भी मुक्त हो जाता है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का महत्व (Importance of Shri Rameshwaram Jyotirling)कहते हैं जो मनुष्य परम पवित्र गंगाजल से भक्तिपूर्वक रामेश्वर शिव का अभिषेक करता है अथवा उन्हें स्नान कराता है वह जीवन- मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है और मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।

मे विशाल राजेन्द्र जोषी मेरे अनेक मीत्रो के साथ रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग गाया हु ओर अपने अनुभव से कहता हु के जीवन मे एक बार रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग दक्षिण भारत मे जरुर जाये
हमने तो रामेश्वर मे पारंगत पुजा भी की हे उसकी कुछ यादे भी जोड राहा हु हर हर महादेव

No comments:

Post a Comment