Saturday 10 June 2017

विशुद्ध वैदिक धर्म का जातिगत परिप्रेक्ष में यथार्थ स्वरूप - हर व्यक्ति के लिए उपयोगी हे विशाल जोषी

१- ब्राह्मण + ब्राह्मणी = ब्राह्मण । [-विशुद्ध वर्ण ]
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ब्राह्मण + क्षत्रिया = मूर्धावसिक्त (*)

ब्राह्मण + वैश्या = अम्बष्ठ (*)

ब्राह्मण + शूद्रा = पारशव निषाद (*)

२- क्षत्रिय + क्षत्रिया = क्षत्रिय । [ -विशुद्ध वर्ण ]
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क्षत्रिय + ब्राह्मणी = सूत । (#)

क्षत्रिय + वैश्या = माहिष्य। (*)

क्षत्रिय + शूद्रा = म्लेच्छ / उग्र । (*)

३- वैश्य + वैश्या = वैश्य । [-विशुद्ध वर्ण ]
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वैश्य + ब्राह्मणी = वैदेहक (#)

वैश्य + क्षत्रिया = मागध (#)

वैश्य + शूद्रा = करण (*)

४- शूद्र + शूद्रा = शूद्र । [- विशुद्ध वर्ण ]
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शूद्र + ब्राह्मणी = चांडाल । (#)

शूद्र + क्षत्रिया = क्षत्ता। (#)

शूद्र + वैश्या = अयोगव। (#)

ध्यातव्य - १- माहिष्य (पुरुष ) + करणी (स्त्री) = रथकार (संकीर्ण संकर ) ।

२- (*) = अनुलोम संकर।

३- (#) = प्रतिलोम संकर ।

[-साभार : मनुस्मृति , याज्ञवल्क्य स्मृति , गरुड़ पुराण आदि । ]
विशाल राजेंद्र भाई जोषी संकलन

1 comment:

  1. મિત્ર આના સોર્સ શ્લોક નંબર અથવા શ્લોક મળે તો મજા આવી જાય

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