Wednesday, 22 July 2015

संतान रेखा

भाग्य में संतान सुख का प्रमाण ज्योतिष के
अनुसार कई चीजों में होता है जैसे कुंडली या
हस्त रेखाओं में। हाथ की संतान रेखा (Santan
Rekha or Kids Line in Hands) भाग्य में संतान सुख
की एक बेहद अहम निशानी है।
कहां होती है संतान रेखा? (Line of Children or
Santan Rekha in Palmistry in Hindi) : संतान रेखाएं
ठीक विवाह रेखा के ऊपर होती हैं। बुध पर्वत
यानि छोटी अंगुली के ठीक नीचे के भाग में
विवाह रेखा होती है| वहीं मौजुद खड़ी रेखाएं
संतान रेखा कहलाती हैं। संतान प्राप्ति के
योगों को कई अन्य रेखाएं भी प्रभावित करती
हैं जैसे मणिबंध रेखा, अंगुठे के नीचे पाई जाने
वाली छोटी रेखा आदि।
कैसे पढ़े संतान रेखा (How to Read Santan Rekha):
संतान रेखा स्पष्ट हैं तो इसका अर्थ है संतान
अच्छी और माता पिता का सम्मान करने
वाली होगी।
* अस्पष्ट और टूटी रेखाएं बच्चें के स्वास्थ्य को
प्रभावित करती हैं।
* इसके अलावा संतान योग को मणिबंध रेखाएं
भी प्रभावित करती हैं। यदि पहली मणिबंध
रेखा का झुकाव कलाई की तरफ है और वह हथेली
में प्रविष्ट होती दिखे तो इसका अर्थ है जातक
को संतान प्राप्ति में दुख होंगे।

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