ईश्वर ने मानव तन मेंतमाम शक्तियां सजा रखी है जिसे सक्रिय करके एक साधारण व्यक्ति भी संसार को चकित कर सकता है. इन शक्तियों से ब्रह्माण्ड में कहीं भी, कभी भी व्यक्ति के विचारों या प्रकृति के नियमों में हस्तक्षेप किया जा सकता है. चुंकि ये शक्तियां सुप्तावस्थामें होती है अतः सामान्यतः आभास नहीं हो पाता.परन्तु इन्हें जब कुछ विशेषयोग, प्राणायाम और त्राटक विधि से विकसित करके चार्ज कर लिया जाता है तब दुनियाऔर जीवन के सभी असंभव, संभव हो उठते है. दरअसल मनुष्य के शरीर में हर समय सम्मोहन की तरंगें प्रवाहित होती रहती है. यह अदृश्य तरंगें हाथ की उंगुलियों के पोरुवे और नेत्रों के रास्ते बाहर निकलता रहता है.चुंकितरंगें लुंज-पुंजकमजोर अवस्था में होती हैं इसी कारण जब दो व्यक्ति मिलते हैं तबथोड़ी ही देर में दोनों में से कोई एक, दूसरे वाले पर हावी हो चुका होता है.क्योंकि सम्मोहन की अदृश्यउर्जा तरंगें किसी में अधिक तो किसी में कम होती है. परन्तु इन्हीं कमजोर तरंगों को किसी निजी मार्गदर्शन द्वारा अभ्यास करते हुए प्रबल, सशक्त औरचुम्बकीय बना लिया जाता है तब नेत्र द्रष्टि जिस भी व्यक्ति या जीव प्राणी पर पड़ता है, वह व्यक्ति या प्राणी स्वयं को निर्बल असहाय महसूस करते हुए आपकी ही आज्ञा और इशारों को मानने पर वाध्य हो जाता है और यह मानव जीवन की महाश्रेष्ठ उपलब्धि है जो आज भी सुलभ है.ऐसी शक्ति तो हरमूल्य चुकाकरभी प्राप्त कर लेनी चाहिए. विज्ञान के पास आज भी ऐसी कोई दवा, इंजेक्शन या व्यवस्था नहीं है जिससे सम्मोहन की अद्भुत उर्जा शक्ति किसी को उपलब्ध करा दे। जबकि गुढ़ विद्द्याओं के चलते यह अब भी संभव है और यह आपका सौभाग्य है, आज इस रहस्यमय ज्ञानकी जानकारी प्राप्त हो रही है. अपने अन्दर की सामान्य उर्जा तरंग को असाधारण बनाने के लिए जोप्राचीन विधि है, उसे त्राटक कहते हैं. अर्थात बिना पलक झपकाएकिसी बिंदु पर एक टक देखते रहना.सम्मोहन से किसी को भीअपने पूर्ण वश में किया जा सकता है. मुर्ख से मुर्ख बालक या व्यक्ति को चतुर बनाया जा सकता है. सम्पूर्ण बिमारियों का इलाज किया जा सकता है. किसी की खोई हुई यादाश्त लौटाई जा सकती है. हिंसकजीव-जंतु, पशु-पक्षियों को पालतू बनाया जा सकता है. लोगों की आपसी रंजिस सदा के लिए ख़त्म की जा सकती है. खोये हुए व्यक्ति का पता लगाकर उसे वापस बुलाया जासकता है. किसी के भी विचार को बदला जा सकता है. किसी भी पुरुष या स्त्री से अपनी बात मनवाई जा सकती है. बिजनेश व्यवसाय में तरक्की की जा सकती है. देवी-देवता और इष्ट से आशीर्वादप्राप्त किया जा सकता है.सम्मोहन का प्रयोगकरना किसी भी तरह से टोना टोटका या कोई गलत प्रक्रिया नहीं है, यह विशुद्ध रूप से मानव शरीर में स्थित हिप्नोटिक तरंगों का ही कमाल होता है जिसकी मेन स्विच प्रयोगकर्ता के मस्तिष्क में फिट रहता है. सम्मोहन के श्रेष्ठज्ञाताओं में अनेक देवी-देवता और महापुरुषों के नाम उल्लेखित है. हालाँकि इसके जानकार अब बहुतकम रह गए हैं दुनिया में. किन्तु जो है वो इस धरती के धरोहर हैं. ज्ञान का प्रसार होना उचित माना गया है. इसे छुपाना अथवा नजरअंदाज करना संत ऋषि और ज्ञानियों की दृष्टि में घटिया सोंच है अतः आपके लिए सम्मोहन ज्ञान व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन की व्यवस्था रखी जा रही है.
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