Monday, 18 April 2016

गूगल आरती "विशाल बालाजी की नई रचना"

जय हो गूगल बाबा की जय होजो पूछो झट से बतलातेखुद में पूरा ब्रमांड बसातेडक्टर हो या इंजीनियरसबको हैं यह राह दिखातेसबसे ज्यादा युवा वर्ग को भातेक्योंकि इनके बिषयों कोझट से ये जो हल कर जातेजय हो गूगल बाबा की जय हो .गूगल बाबा के रूप भी अन्नतइनका जीमेल सबका चहेतायुवाओं में ऑरकुट का बोलताऑफिसर का ओनलाइन खातालेखक और कवि को ब्लॉग्स खूब भाताफोटो एलबम के लिए है पिकासाहिंदी को इंगलिश में लिखनाया हो कोई और भाषागूगल का है अपनाये ट्रांसलेसन कहलातागूगल बाबा के हैं और भी कई रूपकंप्यूटर नहीं हो मोबाइल में भी रहतेउलझन को क्षण में खत्म करतेघर बैठे अपने “अर्थ” सेदुनिया की ये सैर करातेनई नई तकनीकों कोअपने पास हैं लातेअब तो फ्री में गूगल बाबामोबाइल पर बात भी करातेजय हो गूगल बाबा की जय हो........

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