आध्यात्मिक जगत
नित्य सतसंग "धर्मो रक्षति रक्षित"
Saturday, 2 January 2016
मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ . मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ. आपका कृष्ण भागवत गीता
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