Sunday, 6 September 2015

देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं ।

मैसेज अच्छा है पड़ना जरूरछोटा सा जीवन है, लगभग 80 वर्ष।उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात कोबीत जाता है। उसका आधा=20 वर्षबचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।बचा 20 वर्ष। उसमें भी कभी योग,कभी वियोग, कभी पढ़ाई,कभी परीक्षा,नौकरी, व्यापार और अनेक चिन्ताएँव्यक्ति को घेरे रखती हैँ।अब बचा हीकितना ? 8/10 वर्ष। उसमें भी हमशान्ति से नहीं जी सकते ? यदि हमथोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़जाएँ, तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवनप्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...मौन होना सब से बेहतर है।2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...सफेद रंग सब से बेहतर है।3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।इंसान के अंदर जो समा जायें वो" स्वाभिमान "औरजो इंसान के बाहर छलक जायें वो" अभिमान "✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तोपरमात्मा का धन्यवाद ,क्योंकि कुछ लोगइन लम्हों को तरसते हैं ।✔जब भी अपने काम पर जाओतो परमात्मा का धन्यवाद करोक्योंकिबहुत से लोग बेरोजगार हैं ।✔परमात्मा का धन्यवाद कहोजब तुम तन्दुरुस्त हो ,क्योंकि बीमार किसी भी कीमतपर सेहत खरीदने की ख्वाहिशरखते हैं ।✔ परमात्मा का धन्यवाद कहोकी तुम जिन्दा हो ,क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछोजिंदगी कीमत ।दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं ।देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं ।

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